विवादों के बाद रीवा शिक्षा विभाग में नए युग का सूत्रपात: जमीनी अनुभव वाले रामराज प्रसाद मिश्रा ने संभाला DEO का पदभार
रीवा जिले का शिक्षा विभाग, जो लंबे समय से अनुकंपा नियुक्तियों में हुए विवादों और प्रशासनिक अस्थिरता के कारण सुर्खियों में था, अब एक नई दिशा की ओर अग्रसर है। इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, श्री रामराज प्रसाद मिश्रा ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) का पदभार ग्रहण कर लिया है, जिससे विभाग में स्थिरता और सुधार की एक नई उम्मीद जगी है।

पृष्ठभूमि: निलंबन और प्रशासनिक कार्रवाई का दौर
यह नियुक्ति उस बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई के बाद हुई है जिसने पूरे संभाग में हलचल मचा दी थी। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता को अनुकंपा नियुक्तियों में गंभीर अनियमितताओं और फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर नियुक्ति को मंजूरी देने के आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया था।
जांच की शुरुआत
रीवा संभाग के आयुक्त बी. एस. जामोद ने 37 अनुकंपा नियुक्ति मामलों की समीक्षा के लिए एक विशेष जांच समिति का गठन किया।
रिपोर्ट में खुलासा
जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में 5 मामलों में गंभीर गड़बड़ियाँ और कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग उजागर किया।
निलंबन की कार्रवाई
रिपोर्ट के आधार पर, लोक शिक्षण संचालनालय ने तत्कालीन डीईओ सुदामा गुप्ता और योजना अधिकारी अखिलेश मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
अस्थायी प्रभार
निलंबन के बाद, जिला परियोजना समन्वयक (DPC) श्री विनय कुमार मिश्रा को अस्थायी रूप से प्रभारी डीईओ का कार्यभार सौंपा गया था।
रामराज प्रसाद मिश्रा: अनुभव और विशेषज्ञता का संगम
श्री मिश्रा, जिन्होंने अब स्थायी डीईओ का कार्यभार ग्रहण किया है, शिक्षा जगत में एक जाना-माना और सम्मानित नाम हैं। वह पहले शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बैकुंठपुर में प्राचार्य के पद पर कार्यरत थे और साथ ही सिरमौर विकासखंड के ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (BEO) का अतिरिक्त प्रभार भी सफलतापूर्वक संभाल रहे थे।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि श्री रामराज प्रसाद मिश्रा प्रशासनिक अनुभव के साथ-साथ एक उत्कृष्ट शिक्षाविद भी हैं। वे रसायन शास्त्र (Chemistry) विषय के एक अत्यंत प्रतिष्ठित व्याख्याता के रूप में ख्याति प्राप्त हैं। छात्रों को जटिल अवधारणाओं को सरलता से समझाने की उनकी क्षमता ने उन्हें वर्षों तक छात्रों और सहकर्मियों के बीच लोकप्रिय बनाए रखा है। उनका अकादमिक ज्ञान उन्हें शिक्षा की गुणवत्ता संबंधी चुनौतियों को गहराई से समझने में मदद करेगा।
नव-नियुक्त डीईओ की प्राथमिकताएं
पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद मीडिया से हुई बातचीत में श्री मिश्रा ने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया।
"मेरी पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। शासन की नीतियों का अक्षरशः पालन, शिक्षकों की समय पर उपस्थिति, पाठ्यक्रम की समयबद्ध समाप्ति, और बोर्ड परीक्षाओं के परिणामों में सुधार लाना मेरे प्राथमिक लक्ष्य होंगे। विभाग में किसी भी प्रकार की अनियमितता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और एक छात्र-केंद्रित, पारदर्शी शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा।"
इस समाचार के मुख्य बिंदु
- श्री रामराज प्रसाद मिश्रा ने रीवा के नए स्थायी जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में पदभार संभाला।
- यह नियुक्ति पूर्व डीईओ सुदामा गुप्ता के अनुकंपा नियुक्ति विवाद में निलंबन के बाद हुई है।
- श्री मिश्रा को 30 वर्षों से अधिक का जमीनी अनुभव है और वे रसायन शास्त्र के प्रतिष्ठित व्याख्याता भी हैं।
- उनकी प्राथमिकताओं में शिक्षा की गुणवत्ता, प्रशासनिक अनुशासन और पारदर्शिता शामिल है।
5W1H विश्लेषण: पूरी खबर, एक नजर में
क्या? (What?)
श्री रामराज प्रसाद मिश्रा की रीवा के नए स्थायी जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में नियुक्ति हुई है।
कौन? (Who?)
नियुक्ति पाने वाले श्री रामराज प्रसाद मिश्रा हैं, जो एक अनुभवी प्राचार्य, BEO और रसायन शास्त्र के व्याख्याता रहे हैं।
कहाँ? (Where?)
यह नियुक्ति रीवा जिला, मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग में हुई है।
कब? (When?)
उन्होंने 22 जुलाई 2025 को अपना पदभार ग्रहण किया।
क्यों? (Why?)
पूर्व डीईओ के अनुकंपा नियुक्ति घोटाले में निलंबन के बाद विभाग को एक स्थायी और विश्वसनीय नेतृत्व की आवश्यकता थी।
कैसे? (How?)
लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल द्वारा आधिकारिक आदेश जारी कर उनकी नियुक्ति की गई।
आगामी बड़ी चुनौतियाँ
- अनुकंपा नियुक्तियों की बदनाम पृष्ठभूमि के बीच विभाग में भरोसे और पारदर्शिता की पुनर्स्थापना करना।
- जिले के ग्रामीण और शहरी स्कूलों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर में भारी अंतर को कम करना।
- शिक्षकों की कमी और विद्यालयों की बुनियादी ज़रूरतों, जैसे कि फर्नीचर और स्वच्छ पेयजल, की पूर्ति सुनिश्चित करना।
- बोर्ड परीक्षाओं के परिणामों में लगातार सुधार लाना और एक अनुशासित शैक्षणिक वातावरण बनाना।
निष्कर्ष: एक नई शुरुआत की उम्मीद
रीवा का शिक्षा विभाग लंबे समय से एक योग्य, निष्पक्ष और अनुशासित नेतृत्व की प्रतीक्षा कर रहा था। श्री रामराज प्रसाद मिश्रा की अकादमिक विशेषज्ञता और प्रशासनिक अनुभव का संगम उनकी नियुक्ति को बेहद महत्वपूर्ण बनाता है। शिक्षक समुदाय, अभिभावक और छात्र, सभी इस नए नेतृत्व से आशावान हैं कि अब रीवा की शिक्षा व्यवस्था न केवल विवादों से उबरेगी, बल्कि विद्यार्थियों के भविष्य को भी एक नई और उज्ज्वल दिशा प्रदान करेगी।
आपकी क्या राय है?
रीवा शिक्षा विभाग में इस नए बदलाव पर आपके क्या विचार हैं? नए जिला शिक्षा अधिकारी से आपकी क्या उम्मीदें हैं? नीचे टिप्पणी अनुभाग में अपनी राय अवश्य साझा करें।
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